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गगन में रात चांदनी की,सितारे जगमगाते देखे, रात भर

गगन में रात चांदनी की,सितारे जगमगाते देखे,
रात भर जाग कर हमने, अजब से नजारे देखे,
❤️
'दोस्ती' है यहां इतनी, झील सी गहरी,
अजनबी है हम सभी, अपनों से कहीं ज्यादा
प्यारे हमने देखे।।
❤️
 कब, कहां, किससे
मिलेंगे नए जमाने से, 'दोस्ती' याद रखने की,
फितरत नहीं भूले।
❤️
 डोर है नाजुक बड़ी,
'दोस्ती' से बांधकर रखे, दूर जाकर भी तुमसे,
भूलने का सबब नहीं सीखें। 
❤️
कितने आये गये कितने
ये बातें तुम ही कहते थे, मगर तुम सब से मिलते ही,
नजारे फिर नहीं देखे।
❤️
अजनबी वो चांद के जैसे, सागर सी लहरें हैं उनमें,
झलकती कृतियों में अब मेरे, रख लूं सहेज लम्हों को,
हांथ से छूटते बहुत देखे।।
❤️

©#Kvi #Dosti #Best #Friend #Nojoto
गगन में रात चांदनी की,सितारे जगमगाते देखे,
रात भर जाग कर हमने, अजब से नजारे देखे,
❤️
'दोस्ती' है यहां इतनी, झील सी गहरी,
अजनबी है हम सभी, अपनों से कहीं ज्यादा
प्यारे हमने देखे।।
❤️
 कब, कहां, किससे
मिलेंगे नए जमाने से, 'दोस्ती' याद रखने की,
फितरत नहीं भूले।
❤️
 डोर है नाजुक बड़ी,
'दोस्ती' से बांधकर रखे, दूर जाकर भी तुमसे,
भूलने का सबब नहीं सीखें। 
❤️
कितने आये गये कितने
ये बातें तुम ही कहते थे, मगर तुम सब से मिलते ही,
नजारे फिर नहीं देखे।
❤️
अजनबी वो चांद के जैसे, सागर सी लहरें हैं उनमें,
झलकती कृतियों में अब मेरे, रख लूं सहेज लम्हों को,
हांथ से छूटते बहुत देखे।।
❤️

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