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माना अकेली हूँ पर लाचार नहीं, तुम मानते हो अवला पर

माना अकेली हूँ पर लाचार नहीं,
तुम मानते हो अवला पर मैं अन्धकार नहीं।

मौका मुझे भी चाहिये लड़की हूँ तो क्या?
तुम लड़के भी इंसान हो ईश्वर का अवतार नहीं।

कुछ खास तुम्हें ही मिले ऐसे हक़दार नहीं,
जज्बा से बोलती हूँ मैं चुप सरकार नहीं।

मैं कुलदीपक नहीं फिर भी समझदार हूँ,
ये हक़ तुमने छिना है , मैं बेकार नहीं।

माना जिस्म की बनाबट अलग है हमारी,
मुझे भी जिंदा रहना है मरने की करतार में नहीं। #love #poetry #girls #empowerment #girlslife #hindi #longlines #sadmood
माना अकेली हूँ पर लाचार नहीं,
तुम मानते हो अवला पर मैं अन्धकार नहीं।

मौका मुझे भी चाहिये लड़की हूँ तो क्या?
तुम लड़के भी इंसान हो ईश्वर का अवतार नहीं।

कुछ खास तुम्हें ही मिले ऐसे हक़दार नहीं,
जज्बा से बोलती हूँ मैं चुप सरकार नहीं।

मैं कुलदीपक नहीं फिर भी समझदार हूँ,
ये हक़ तुमने छिना है , मैं बेकार नहीं।

माना जिस्म की बनाबट अलग है हमारी,
मुझे भी जिंदा रहना है मरने की करतार में नहीं। #love #poetry #girls #empowerment #girlslife #hindi #longlines #sadmood