पग–पग संग–संग, चलें हम साथ साथी। भूल के भी साथ तेरा, छोड़ नहीं पाएंगे। तूफांँ चले आंँधी आए, चाहे मेरे प्राण जाएंँ। प्रीत की ये डोरी साथी, तोड़ नहीं पाएंगे।। चाहें हमें कांँटे मिले, चाहे सूखें फूल खिले। दुःख मिले खूब मुख, मोड़ नहीं पाएंगे। संकटों के बादलों में, नई आशा खोज लेंगे। संघर्ष करेंगे हार, बोल नहीं पाएंगे।। #openforcollab... ✍️ ___'सफ़र'___ है सफ़र तन्हा मग़र, साथ तेरा साथ है..!! राह बड़ी लम्बी मग़र , हमसफ़र बन साथ चल..!!