नहीं क्यों बैठते पलभर,हमारे पास आकर तुम। लगे जैसे गये हो भूल हमको दूर जाकर तुम। मिलो जब भी अकेले में, सदा ख़ामोश रहते हो- बताओ खुश नहीं हो क्या,हमें यूँ साथ पाकर तुम। #मुक्तक #बातक्याहै #विश्वासी