एक तो ये जालिम हवा उस पर ये तेरी यादें आसमान में छाए बादल जाने किस इरादे, ओस की बूंदों से ये भीगी-भीगी सड़के, उसपर कुछ याद आ रही है मुझे वो तेरी बीती-बीती बातें, कभी भाता था मुझे भी ये बारिश पर अब डरता है दिल, फिर किसी फरेब में कहीं खो ना जाए ये मासूम सा दिल, कभी जो किसी से आज तक बयां नहीं पाया अमृत वो लिखा रहा है तेरे साथ बिताये हर वो बातें, ©Amrit Yadav #Pyar #poem #Hindi #thought #Life #rain #rainfall