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धरती पर रहने का सलीका ना सीखा अब तक इंसान चाँद - म

धरती पर रहने का सलीका ना सीखा अब तक
इंसान चाँद - मंगल पर जाने की बात करता है ...!!! हम इंसान हजारो सालों से इस धरती पर रह रहे हैं और इसे ही नष्ट करने पर तुले हुए हैं .... आज न शुद्ध पानी मिलता है और अब तो हवा भी सिलेंडरों में लेनी पड़ रही है ..... अगर चाँद - मंगल पर इंसानी बस्तियां बस गईं तो कुछ वर्षों में उनकी हालत भी पृथ्वी जैसी ही हो जानी है क्योंकि हम इंसान कभी नहीं सुधर सकते 😐😐😞😞



अटल बिहारी जी का भाषण सुना उसीसे प्रेरित ये पंक्तियां 🙏🙏

#पृथ्वीदिवस 
#चाँद
धरती पर रहने का सलीका ना सीखा अब तक
इंसान चाँद - मंगल पर जाने की बात करता है ...!!! हम इंसान हजारो सालों से इस धरती पर रह रहे हैं और इसे ही नष्ट करने पर तुले हुए हैं .... आज न शुद्ध पानी मिलता है और अब तो हवा भी सिलेंडरों में लेनी पड़ रही है ..... अगर चाँद - मंगल पर इंसानी बस्तियां बस गईं तो कुछ वर्षों में उनकी हालत भी पृथ्वी जैसी ही हो जानी है क्योंकि हम इंसान कभी नहीं सुधर सकते 😐😐😞😞



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#पृथ्वीदिवस 
#चाँद