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हलधर को हिलना पड़ा अपने ठिकाने से, हो बेहतर, शीघ्र

हलधर को हिलना पड़ा अपने ठिकाने से,
हो बेहतर, शीघ्र ही निकले उसका हल।
हलधर उपजाता है अपनी मेहनत से जो अन्न,
है, उसी से हमारा आज और आने वाला कल।।
गण तंत्र दोनों की ही है ये ज़िम्मेदारी,
हो खुश,समृद्ध और सुकून भरा
 उसका आने वाला हर पल।।
स्नेह प्रेमचन्द

©Sneh Prem Chand हलधर

#farmersprotest
हलधर को हिलना पड़ा अपने ठिकाने से,
हो बेहतर, शीघ्र ही निकले उसका हल।
हलधर उपजाता है अपनी मेहनत से जो अन्न,
है, उसी से हमारा आज और आने वाला कल।।
गण तंत्र दोनों की ही है ये ज़िम्मेदारी,
हो खुश,समृद्ध और सुकून भरा
 उसका आने वाला हर पल।।
स्नेह प्रेमचन्द

©Sneh Prem Chand हलधर

#farmersprotest

हलधर #farmersprotest