दिल में एक अजब तूफान सा बह रहा ये कच्चा मकान है जो बारिशों में ढह रहा एक उम्र हो गई सामने दरख़्तों को सूखे जलाकर उसे ही अब कि सर्दियों में रह रहा टहनियां अपने जुल्म की कहानी कह रही दर्द को मानो निचोड़ कर ये जख़्म सह रहा सफ़र मुश्किल मग़र नामुमकिन नहीं 'राही' यूं आधा सफ़र गुजरा तो तजुर्बों में कह रहा ©kumar ramesh rahi #दिल #तूफान #मकान #दरख्तों #जुल्म #कहानी #जख़्म #सफ़र #kumarrameshrahi #lost