ठहरा ठहरा सा लम्हा है ये ठहरी ठहरी सी ये बात ठहरी ठहरी सी ये जुबा भी है पर बाते हैं कुछ खास बातो में है कुछ राज राज के खुलने से बिखर जायेगे जजबात अगर बिखर गये जजबात तो ठहर जायेगी ये बात ठहरा ठहरा लम्हा है ये ठहरी ठहरी सी ये बात