पूछना चाहता हूँ हे मानव तुम से कब छोड़ोगे हिँसा कब निकालोगे घृणा मन से कब तक भेदभाव बना रहेगा मन में कब तक धर्म को देश से ऊपर मानोगे कब अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरो के लिए भी सोचोगे #पूछना है तुमसे