अपनी दुख की गठरी खोलो मां ताकी मैं उनको जान सकूं अपने जख्मों के मरहम मुझे बनाओ मां ताकि मैं गहरे जख्मों को भर सकूं थोड़ी सी तकलीफ़ मुझे भी सहने दो क्यूंकि मैं हूं तेरी परछाई मां काश मैं तुझे समझ पाती मां क्यूं मैं पढ़ पाती नहीं तेरी ख़ामोशी को क्यूं मैं लिख नहीं पाती तेरी कहानी को इजाज़त मुझे भी दो मां ताकी मैं तुझे पढ़ सकूं क्यूं भूल जाती हो ख़ुद को तुम मेरी आंखों में पानी दिख जाए अगर बेचैन होकर अपने पलकों को भिंगो देती हो अपना तकलीफ़ भूल कर मेरे साथ मुस्कुराती हो अपनी दुख की गठरी खोलो मां ताकी मैं उनको जान सकूं Love you mom,,❤️❤️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❤️❣️❣️❣️❤️❤️❤️❤️ किसी ने सच ही कहा है अगर तकदीर लिखने का हक मेरी मां को मिला होता तो गम , तकलीफ़ हमारे हिस्सें में न मिले होते,,,,,,,,,