कुरूक्षेत्र में खड़ी अकेली जोऊ थानी बाट, कद आवोला ओ साँवरा नित नित देखूँ राह, नावँ मारी डूब रही कद लगावो बेडो़ पार, राह निहारत थानी थक गया मारा नैन, हिम्मत भी टूट रही मुश्किल होयो जीवन रो अध्याय, बेगा आइजो ओ साँवरा टूट रहयो विश्वास, बिनती मारी भी सुन लिजो भक्ति करू अपार, हेलो मारो सुन लिजो बीच भंवर में फँसी हैं नाव, जीवन बनगी कठिन पहेली सब छोड़यो हैं साथ, बेगा आइजो थे साँवरा अभिमन्यु बनी आज, दौप्रदी री लाज बचाने थे आया घनश्याम, मारी थे कद सूनोला ओ नंदजी रा लाल, चिंता, दुःख, निराशा में बित रहयो हैं जीवन, कद आवोला ओ साँवरा मने बंधाने आस, करमा बाई री जिद रे आगे मानया थे तो हार, भोला भक्ता रे वास्ते ओट में खिचड़लो लियो खाय, सुधि मारी भी ले लिजो ओ द्वारका रा नाथ, नयी व्याख्या रची महाभारत में दे धर्म रो साथ करयो सबरो उद्धार, थाने भक्ता रो जीवन उलझगो कद समझावो ला जीवन रो सार, सुख दुःख में सदा सुमिरन करु फिर क्यों मन हुवा उदास, फिर भी क्यों गूंथयो गयो साजिशा रो जाल, बेगा आइजो ओ साँवरा भक्ता री थाने रखनी है लाज... श्री कृष्ण से प्रार्थना:-कद आवोला ओ साँवरी...! बाट:- इंतजार हेलो:-बुलावा/आवाज बेगा:-जल्दी आस:-उम्मीद ओट:-परदा सुधि:-हालचाल सुमिरन:-याद