Unsplash मित्र जो तुझे गंग कहूं, तुम धार बन जाना। लहरें तेज हो, तब - तुम पतवार बन जाना।। जो तुझे ज़मी कहूं, तूम आसमान बन जाना। संघर्षों के तले, तुम खुली किताब बन जाना।। जो तुझे गंग कहूं, तुम धार बन जाना।। ©Saurav life #Book #sauravlife