मैंने उम्मीदें गढ़ी मैंने सपने देखे मैंने जादू जिया फिर एक दिन... जादू ने सब बेकाबू किया! मैंने आवाज लगाई थोड़ा मातम जिया और फिर एक दिन कुछ जादू सा हुआ... मरने से जीना मुनासिब लगा। मैंने श्रृंगार किया मन मंदार किया और, एक दिन.. मोहभंग मल्हार हुआ... जीना मरना खेल, संसार तमाशा हुआ। मैंने उम्मीदें गढ़ी मैंने सपने देखे मैंने जादू जिया फिर एक दिन... जादू ने सब बेकाबू किया! मैंने आवाज लगाई थोड़ा मातम जिया