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पल - पल बीत रही जिंदगी के दामन को, चलो खुशियों से

पल - पल बीत रही जिंदगी के दामन को, चलो खुशियों से भरते हैं।
फल की चिंता को छोड़कर, चलो हम सब बस अपने कर्म करते हैं।

बीती बातों को भूल कर सब, चलो मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं।
भीगी हों पलकें फिर भी दूसरों पर, चलो खुशियों की बरसात करते हैं।

मंजिल मिलेगी एक ना एक दिन, चलो मुश्किलों से दो-दो हाथ करते हैं।
कब तक रूठी रहेगी यूँ जिंदगी हमसे, चलो मनाने की कोशिश करते हैं।

खत्म करके सारी रंजिशें आपस की, चलो प्यार से मुलाकात करते हैं।
गमों को भुलाकर सारे चलो खुशियों को ढूंँढने की एक कोशिश करते हैं।


 काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है।

कृपया ध्यान से पढ़ें

आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे।

हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन से मिलकर बनती है।
हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या 52 है :-
पल - पल बीत रही जिंदगी के दामन को, चलो खुशियों से भरते हैं।
फल की चिंता को छोड़कर, चलो हम सब बस अपने कर्म करते हैं।

बीती बातों को भूल कर सब, चलो मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं।
भीगी हों पलकें फिर भी दूसरों पर, चलो खुशियों की बरसात करते हैं।

मंजिल मिलेगी एक ना एक दिन, चलो मुश्किलों से दो-दो हाथ करते हैं।
कब तक रूठी रहेगी यूँ जिंदगी हमसे, चलो मनाने की कोशिश करते हैं।

खत्म करके सारी रंजिशें आपस की, चलो प्यार से मुलाकात करते हैं।
गमों को भुलाकर सारे चलो खुशियों को ढूंँढने की एक कोशिश करते हैं।


 काव्य-ॲंजुरी✍️ के विशिष्ट लेखन में आपका स्वागत है।

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आज हम "व्यंजन - व्याख्या" करेंगे।

हिंदी वर्णमाला स्वर एवं व्यंजन से मिलकर बनती है।
हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या 52 है :-