पाँव से लिपटा है कोई सफर, रास्ते बदले ना उसकी कोई आयी खबर, आंख मूँदे दिल झाँकता है रात के उजालों में, आ पकड़ लूँ मैं हाथ तेरा ऐ मंजरे सुबह वस तू ही मेरी हमसफर.. वो जब दिन ढले चेहरे पर, ख़्वाबों में ना आता कोई नज़र, वो सुस्त पड़ी इन गलियों में, क्यू ढूंढे मुझको इधर उधर, मैं नहीं हूँ अब पास मेरे, क्यूँ घुमे तू अब दर-बदर, ये पास पड़ी मेरी नज़्मों को, क्यूँ सुनाऊँ किसको मगर, है पास गर तू आज मेरे, बस कर ले साथ इक रात बसर.. पाँव से लिपटा है कोई सफर, रास्ते बदले ना उसकी कोई आयी खबर.. ©Aesthetic.Poet पाँव से लिपटा है कोई सफर- नज़्म #gaurav_iit #nojotopoetry #nojotoquote #nojotonazm #hindipoetry #nazm #nojotophoto