ग़मों को छुपाया न करो बस हर लम्हां मुस्कुराया करो! जिस तरह चढ़ा है धीरे धीरे मेहेंदी का रंग तेरे हाथों में! उसी तरह ख़ुशियाँ भी होले होले रागिनी सुनायेंगी! बस थोड़ा सब्र करो!! ग़मों को छुपाया न करो बस हर लम्हां मुस्कुराया करो! ©Deepak Bisht #रागिनी-ए-खुशी