मानवता का आज फिर हो गया अंत *************************** किसकी हैं ये खता, सब ऊपर वाला जानता हैं, पर तू न अपने कर्मों से कभी बाज आता हैं, बेजुबान की हत्या का खून क्यों?? तू अपने सर लेता हैं, ये भी तो तेरी ही तरह इस प्रकृति की आहार श्रृंखला का एक अंग हैं, मिट गए जो ये इस दुनिया से, तो ये जहां इनके बिना बेरंग हैं, ये नही तो तेरा भी वजूद नही, इस महामारी का ये इशारा तू समझता क्यो???नही महाप्रलय का क्यों इंतजार करता हैं, क्यों किसी प्राणी पर तु बेवजह जुर्म ढहाता हैं हो जाएगा अंत जब महाप्रलय का होगा प्रचंड रूप, उस दिन कोई नही बचेगा तेरा भी समाप्त हो जायेगा स्वरूप, अगर बची हो कहीं तुझमें मानवता, सम्भल जा मत बन तू दानव सा, रहम कर इस बेजुबान प्राणी पर, ख़त्म हो जायेगे तेरे कहर से ये धरती पर।।।।। #बेजुबान #yqbaba #yqdidi #poetry #hkkhindipoetry #yqkakasa #केरल #हाथी