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था मैं जगा रहा और रात भर रोता रहा, आँसू सुख गये

था मैं जगा रहा और 
रात भर रोता रहा,
 आँसू सुख गये मगर 
सिसकियाँ मैं लेता रहा ।
एक कसूर था शायद मेरा
मैंने उसे अपना कहा और 
बदले में चाहा कुछ नहीं मगर 
अपना सब कुछ लुटाता रहा ।

©Mahendra Pahadia #alone    Mahi nessa Harsh pandit Đivya Dubey Dark prince kavita ranjan
था मैं जगा रहा और 
रात भर रोता रहा,
 आँसू सुख गये मगर 
सिसकियाँ मैं लेता रहा ।
एक कसूर था शायद मेरा
मैंने उसे अपना कहा और 
बदले में चाहा कुछ नहीं मगर 
अपना सब कुछ लुटाता रहा ।

©Mahendra Pahadia #alone    Mahi nessa Harsh pandit Đivya Dubey Dark prince kavita ranjan