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नींद थकने से आयी तो सोने लगे वो गठरियों को अपने सं

नींद थकने से आयी तो सोने लगे
वो गठरियों को अपने संजोने लगे
पटरियाँ भी हिलीं न सुला दी उन्हें
नींद अंतिम ही रब से मिला दी उन्हें
आयी गाड़ी मिला दी उन्हें खाक में
खून देखा तो पत्थर भी रोने लगे
छोड़ मुझको जहां में तू मर गया
इन फजाओं में तू बेखबर हो गया
सैनीअर्जुन🌹चाणक्य🌹 की कलम से  #औरंगाबाद😧 हादसा मेरी नज़्म की कुछ पंक्तियां
नींद थकने से आयी तो सोने लगे
वो गठरियों को अपने संजोने लगे
पटरियाँ भी हिलीं न सुला दी उन्हें
नींद अंतिम ही रब से मिला दी उन्हें
आयी गाड़ी मिला दी उन्हें खाक में
खून देखा तो पत्थर भी रोने लगे
छोड़ मुझको जहां में तू मर गया
इन फजाओं में तू बेखबर हो गया
सैनीअर्जुन🌹चाणक्य🌹 की कलम से  #औरंगाबाद😧 हादसा मेरी नज़्म की कुछ पंक्तियां