Read in caption ©Kajalife.... International men's day... ❤ हम अक्सर तमाम मुद्दों, किस्सों, मामलों के बीच भूल जाया करते हैं प्रकृति के उस अंश का आभार एवं शुक्रिया अदा करना जिसके बिना शायद पूरा नहीं हो सकता.... हमारा समाज.... और ये प्रकृति.... जिसमें पुरूष और स्त्री के अलावा दूसरा कोई नहीं है, जो कुछ भी जन्म दे पाए....!! मैं समझती हूँ कि - हर कोई पुरूष नहीं बन सकता... हर कोई नहीं मना सकता ये पुरूष दिवस.... ; जो कि बहुत खास है.... मगर केवल और केवल पुरूष होने के लिए ..... !!!