दिल की #हसरत मेरी #जुबान पे आने लगी तुमने देखा और ये #ज़िन्दगी_मुस्कुराने लगी ये #इश़्क की #इन्तहा थी या #दीवानगी मेरी हर #सूरत में मुझे सूरत तेरी #नज़र आने लगी