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मोहन एक खत लिख भेज रहीं हूं,        मैं तो उद्धव

मोहन एक खत लिख भेज रहीं हूं, 
       मैं तो उद्धव के हाथ,
खत ना कभी कोई आखिरी हों, 
      ऐसा हो ये साथ,
खत जो लिखें हैं याद में तेरी, 
       बन गए अब ज़िन्दगी मेरी
खत मेरे कुछ भींगे हुए हैं, 
       ऐसे हुएं हैं याद में तेरी,
मन की बातें लिखती हूं सारी, 
       तेरे लिए मैं, ओ बनवारी.......

©Radhika
  #Nojotoahindi #ख़त मोहन नाम का
divyanshtriguna6465

Radheshyam

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