Tanhaaiyon ki Parakh. by Amit Tiwari
अँधेरी रात में ... धुंधली मोमबत्ती का प्रकाश लगती है
सच का जीता जागता ... हमारी पुरजोर इंसानियत का जवाब लगती हैं ....
ज्यों धुप अँधेरे में कही खो सा जाता है सहर ...कुछ वैसे एहसास सी लगती है .
ये होती तो हैं बहुत पेचीदा ,बड़ी उलझी पर फिर भी मन को सुलझा जाती हैं ...