बने बर्तनों पर अपनी पहचान छोड़ जाते है दिए हम बनाते है उनके घर के चिरागो के लिए अपने घर में हम अंधेरों में दीपक जलाते है घड़े हम बनाते है उनकी प्यास बुझ सके भूखे प्यासे हम अपना गला सुखाते है बने बर्तनों पर अपनी पहचान छोड़ जाते है अपने कामों से हम कुम्हार कहलाते है।। सुप्रभात। सच्चाई यही है कि अपनी माटी के कुम्हार हम ख़ुद ही हैं। कोई और हमें बना-बिगाड़ नहीं सकता। #कुम्हार #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi