Nojoto: Largest Storytelling Platform

कई रात गुजारी है इस अंधेरे में थोड़ा सा नूर ले आओग

कई रात गुजारी है इस अंधेरे में
थोड़ा सा नूर ले आओगी तुम....
मेरे तकिए गीले है आंसूओं से
क्या तुम मुझे अपनी गोद में सुलाओगी...
सुना है बाग़ है तुम्हारे आंगन में
मेरे लाहसिल बचपन को वो झूला दिखाओगी....
मैंने खोया है अपनी हर प्यारी चीज को
मैं अपनी क़िस्मत फिर भी आजमाऊंगी....
एक शायरी लिखी हैं
कभी मिलेगी तो सुनाऊंगी ।।

manjuli.....

©rashmi Kai raat....
कई रात गुजारी है इस अंधेरे में
थोड़ा सा नूर ले आओगी तुम....
मेरे तकिए गीले है आंसूओं से
क्या तुम मुझे अपनी गोद में सुलाओगी...
सुना है बाग़ है तुम्हारे आंगन में
मेरे लाहसिल बचपन को वो झूला दिखाओगी....
मैंने खोया है अपनी हर प्यारी चीज को
मैं अपनी क़िस्मत फिर भी आजमाऊंगी....
एक शायरी लिखी हैं
कभी मिलेगी तो सुनाऊंगी ।।

manjuli.....

©rashmi Kai raat....
naviverma6126

sejal

New Creator