ऐ पलक तु बन्द हो जा ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी ©Soham kumar #Soham #safar