वृद्धाश्रम माँ बाप ने मन्नतो का ढ़ेर लगाया होगा तब कहीं जाकर घर का चिराग पाया होगा तेरी सलामती खातिर दुआ अर्ज़ करने कई मंदिरों मस्जिदों मजारो पे शीश नवाया होगा तेरा हर ख़्वाब पूरा करने की चाह में, ख़ुद के अरमानों का गला दबाया होगा स्वयं के सपनों को आग लगाई होगी तब कहीं जाकर तेरा हर स्वप्न सजाया होगा और जब तू उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आया आज सोच तुमने सब कुछ खोकर क्या पाया होगा ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕 शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात पढ़ने वाले को क्या पता लिखने वाले के क्या है जज्बात अक्षरों में है दर्द प्यार विचार या कोई ख्यालात 🙏🌹🇮🇳 विनय फौजी Neha Nautiyal Samaya thakur