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ऐ ज़िन्दगी तू मुझे इतना रुलाती क्यूँ है, लगा कर मेर

ऐ ज़िन्दगी तू मुझे इतना रुलाती क्यूँ है, लगा कर
मेरे ज़ख्मो पर नमक फिर अपना मुंह छुपाती क्यूँ है।।

बेवजह दे के ग़मो को तू मुझे इतना सताती क्यूँ है,जो
 लोग किस्मत की लकीरों में नही उनसे तू मिलाती क्यूँ है।।

बनवा के हमसे ख़्वाबो का महल,फिर तू उसे उजाड़ती क्यूँ है,
बहाने होते है जब हमें आँखों से अश्क़ तो फिर तू हमे इतना हँसती क्यूँ है।।

जब साथ छोड़ना ही होता है,बीच डगर में तो फिर तू साथ चलती क्यूँ है,जब
 तू खुद ही इतनी गलत है ऐ ज़िन्दगी तो फिर हम पर इतना इलज़ाम लगाती क्यूँ है।। #ज़िन्दगी_____#nojoto__✍️
ऐ ज़िन्दगी तू मुझे इतना रुलाती क्यूँ है, लगा कर
मेरे ज़ख्मो पर नमक फिर अपना मुंह छुपाती क्यूँ है।।

बेवजह दे के ग़मो को तू मुझे इतना सताती क्यूँ है,जो
 लोग किस्मत की लकीरों में नही उनसे तू मिलाती क्यूँ है।।

बनवा के हमसे ख़्वाबो का महल,फिर तू उसे उजाड़ती क्यूँ है,
बहाने होते है जब हमें आँखों से अश्क़ तो फिर तू हमे इतना हँसती क्यूँ है।।

जब साथ छोड़ना ही होता है,बीच डगर में तो फिर तू साथ चलती क्यूँ है,जब
 तू खुद ही इतनी गलत है ऐ ज़िन्दगी तो फिर हम पर इतना इलज़ाम लगाती क्यूँ है।। #ज़िन्दगी_____#nojoto__✍️
sandhya7487

Sandhya🦋

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