एक बात मेरी मानो बुरा मानो होली है। सब रंग बिरंगे हो जायें जब चली रंगो की गोली है। कविः-शैलेन्द्र सिंह यादव शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता सब रंग बिरंगे हो जायें।