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सुनो प्रिय कॉमरेड, आज जब बारिश में एक छाते के नीच

सुनो प्रिय कॉमरेड, 
आज जब बारिश में एक छाते के नीचे साथ जाते हुए, एक प्रेमी जोड़े को देखा तो तुम्हारी याद जहन में खटक गयी। वैसे सच में यार यादों का आना , जीवन के वर्तमान समय को विचलित कर देता है और हम पाते है,खुद को उस समय में जहाँ हम अब जाना चाहते है। वैसे तुम्हें याद है कॉमरेड ,बारिश का वो दिन जब मैं अपना छाता घर पर भूल आया था।तेज बारिश में एक ट्यूशन से दुसरी ट्यूशन तक तुमने मुझसे साझा किया था अपना छाता। सच बताऊँ तो मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित तो पहले से ही था परंतु उस रोज तुम्हारी इस मदद ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया था। थोडी तुम भीग गयी थी। थोड़ा मैं,उस रोज तुमने थाम के रखा था मेरा हाथ और साथ, जीवन के इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी तुम्हारी याद का आना ,तुम्हारे प्रति मेरे लगाव को दर्शाता है और तुम्हारी मांग में किसी और के नाम का सिंदूर हमारे बीच के अलगाव को, सुनो मैं चाहता हूँ। कि तुम एक बार फिर से मुझे बचा लो जीवन की इन तकलीफो भरी इन बारिशों से, उस दिन की तरह, 
... तुम्हारा दोस्त... 
.... #जलज कुमार #solotraveller सुनो प्रिय कॉमरेड, 
आज जब बारिश में एक छाते के नीचे साथ जाते हुए, एक प्रेमी जोड़े को देखा तो तुम्हारी याद जहन में खटक गयी। वैसे सच में यार यादों का आना , जीवन के वर्तमान समय को विचलित कर देता है और हम पाते है। खुद को उस समय में जहाँ हम अब जाना चाहते है। वैसे तुम्हें याद है कॉमरेड ,बारिश का वो दिन जब मैं अपना छाता घर पर भूल आया था।तेज बारिश में एक ट्यूशन से दुसरी ट्यूशन तक तुमने मुझसे साझा किया था अपना छाता। सच बताऊँ तो मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित तो पहले से ही था परंतु उस रोज तुम्हारी इस मदद ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया था। थोडी तुम भीग गयी थी। थोड़ा मैं,उस रोज तुमने थाम के रखा था मेरा हाथ और साथ, जीवन के इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी तुम्हारी याद आना , तुम्हारे प्रति मेरे लगाव को दर्शाता है और तुम्हारी मांग में किसी और के नाम का सिंदूर हमारे बीच के अलगाव को, सुनो मैं चाहता हूँ। कि तुम एक बार फिर से मुझे बचा लो जीवन की इन तकलीफो भरी इन बारिशों से, उस दिन की तरह, 
... तुम्हारा दोस्त... 
.... #जलज कुमार
सुनो प्रिय कॉमरेड, 
आज जब बारिश में एक छाते के नीचे साथ जाते हुए, एक प्रेमी जोड़े को देखा तो तुम्हारी याद जहन में खटक गयी। वैसे सच में यार यादों का आना , जीवन के वर्तमान समय को विचलित कर देता है और हम पाते है,खुद को उस समय में जहाँ हम अब जाना चाहते है। वैसे तुम्हें याद है कॉमरेड ,बारिश का वो दिन जब मैं अपना छाता घर पर भूल आया था।तेज बारिश में एक ट्यूशन से दुसरी ट्यूशन तक तुमने मुझसे साझा किया था अपना छाता। सच बताऊँ तो मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित तो पहले से ही था परंतु उस रोज तुम्हारी इस मदद ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया था। थोडी तुम भीग गयी थी। थोड़ा मैं,उस रोज तुमने थाम के रखा था मेरा हाथ और साथ, जीवन के इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी तुम्हारी याद का आना ,तुम्हारे प्रति मेरे लगाव को दर्शाता है और तुम्हारी मांग में किसी और के नाम का सिंदूर हमारे बीच के अलगाव को, सुनो मैं चाहता हूँ। कि तुम एक बार फिर से मुझे बचा लो जीवन की इन तकलीफो भरी इन बारिशों से, उस दिन की तरह, 
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आज जब बारिश में एक छाते के नीचे साथ जाते हुए, एक प्रेमी जोड़े को देखा तो तुम्हारी याद जहन में खटक गयी। वैसे सच में यार यादों का आना , जीवन के वर्तमान समय को विचलित कर देता है और हम पाते है। खुद को उस समय में जहाँ हम अब जाना चाहते है। वैसे तुम्हें याद है कॉमरेड ,बारिश का वो दिन जब मैं अपना छाता घर पर भूल आया था।तेज बारिश में एक ट्यूशन से दुसरी ट्यूशन तक तुमने मुझसे साझा किया था अपना छाता। सच बताऊँ तो मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित तो पहले से ही था परंतु उस रोज तुम्हारी इस मदद ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया था। थोडी तुम भीग गयी थी। थोड़ा मैं,उस रोज तुमने थाम के रखा था मेरा हाथ और साथ, जीवन के इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी तुम्हारी याद आना , तुम्हारे प्रति मेरे लगाव को दर्शाता है और तुम्हारी मांग में किसी और के नाम का सिंदूर हमारे बीच के अलगाव को, सुनो मैं चाहता हूँ। कि तुम एक बार फिर से मुझे बचा लो जीवन की इन तकलीफो भरी इन बारिशों से, उस दिन की तरह, 
... तुम्हारा दोस्त... 
.... #जलज कुमार