अच्छे दिनों का ये जुमला पकड़ जाएगा। आज वक्त तेरा है, तो कल मेरा आएगा। ऐसा प्रचलन है झूठ बोलने का साहब। झूठ स्वयं अपना रस्ता बदल जाएगा। अच्छे दिनों का।