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White शब्द तेरे है कितने भाव समेटे, वर्णों से ही

White  शब्द तेरे है कितने भाव समेटे,
वर्णों से ही जुड़ी अभिव्यक्ति है।
सिम्टी है तुझमे धरोहर अपनी,
अद्भुत ज्ञान निहित ये शक्ती है। 

स्वर्णिम है पावन नींव तुम्हारी,
अमानव जिनको तुझसे संकोच है।
रट रट कर दूजी भाषा कहते,
आधुनिक हमारी सोच है। 

ना मिलेगी कोई भाषा ऐसी ,
ऋषि मुनीयों की यही ज्ञान है।
शोभावान नारी कि बिंदिया जैसे,
सकल देश का तू सम्मान है। 

है विश्व पटल पर व्याख्या तेरी,
ऐ हिन्दी हिंद की तू अभिमान है।

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White  शब्द तेरे है कितने भाव समेटे,
वर्णों से ही जुड़ी अभिव्यक्ति है।
सिम्टी है तुझमे धरोहर अपनी,
अद्भुत ज्ञान निहित ये शक्ती है। 

स्वर्णिम है पावन नींव तुम्हारी,
अमानव जिनको तुझसे संकोच है।
रट रट कर दूजी भाषा कहते,
आधुनिक हमारी सोच है। 

ना मिलेगी कोई भाषा ऐसी ,
ऋषि मुनीयों की यही ज्ञान है।
शोभावान नारी कि बिंदिया जैसे,
सकल देश का तू सम्मान है। 

है विश्व पटल पर व्याख्या तेरी,
ऐ हिन्दी हिंद की तू अभिमान है।

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