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कुछ नीमबाज होती हैं आँखें भंवरे भनभनाती हैं कुछ गु

कुछ नीमबाज होती हैं आँखें भंवरे भनभनाती हैं
कुछ गुलाब की पंखुड़ियों की तरफ फड़फड़ाती हैं
कुछ हया और शर्म से पर्दों तले मुस्कुराती हैं
यही तो मुहब्बत के इसारे हैं पर हमें क्या पता
भैयाजी अभी तो हम विशुद्ध कुंवारे हैं

©Anushi Ka Pitara #प्यार #प्यार_का_इजहार 

#MirzapurSeason2
कुछ नीमबाज होती हैं आँखें भंवरे भनभनाती हैं
कुछ गुलाब की पंखुड़ियों की तरफ फड़फड़ाती हैं
कुछ हया और शर्म से पर्दों तले मुस्कुराती हैं
यही तो मुहब्बत के इसारे हैं पर हमें क्या पता
भैयाजी अभी तो हम विशुद्ध कुंवारे हैं

©Anushi Ka Pitara #प्यार #प्यार_का_इजहार 

#MirzapurSeason2