बदली न जा सके कोई आदत नहीं होती कमज़ोर दीवारों पर कोई छत नहीं होती दौलत के पीछे भागते न ज़िन्दगी गुज़ार दिल के सुकून से बड़ी दौलत नहीं होती सब जानते हैं फिर भी कोई मानता नहीं दो गज ज़मीन से अधिक जरूरत नहीं होती जय श्री श्याम जी b..v