ठोकरों में मेरे ये फानी ज़माना रख दो, फरिश्तों... मेरी इबादत का वक़्त है, मुसल्ले पे छलकता हुआ पैमाना रख दो। ~Hilal . ©~Hilal. Follow Me for best shayri of your life #Zamana #Paimana