आंखो में अब नूर नही खुद में ही डूबा दूर कही विचलित है मन पर शोर नहीं मेरा खुद में ही जोर नहीं जाऊ पीछे उजियारे के फस जाता हूं अधियारे में आंखों में बस वो मंजर है आगे दिखता सब बंजर है पर बढ़ता हु मै अब भी पीछे पीछे उजियारे के।। ©Vimal Gupta #walkalone #jndagiAnshu writer pinky masrani Deepti Srivastava Nanhi.shayrana218 Dhyaan mira