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World Poetry Day 21 March अक्षर-अक्षर जोड़ कर मैं ल

World Poetry Day 21 March अक्षर-अक्षर जोड़ कर मैं लिखूँ कविता,
मेरे अन्तरमन से बहे भावों की सविता।

कभी लिखती खुशी कभी विरह-वेदना,
देख अन्याय कैसे आए मुझमें सहजता।

कभी आक्रोश लिखूँ तो कभी सानत्वना,
शब्दों को तोड़-मरोड़ लिखूँ वीरो की वीरता।

मै पिरोती हूँ मनोभावों की सुन्दर माला,
ज्यादा कुछ ज्ञान नहीं!मैं लिखती कविता।

नहीं लिखना चाहती मीरा,सूर,तुलसी सी भक्ति,
जो मानवता का बोध कराए ऐसा हो मेरा रस्ता।

कोशिश है मेरी जनमानस की आवाज बनूँ,
अपनी लेखनी से मिटा सकू सभी विषमता। #World_Poetry_Day#My_Poetry
#NojotoHindi#NojotoWeiters
#NojotoNews
21/03/2020.............05:45PM
World Poetry Day 21 March अक्षर-अक्षर जोड़ कर मैं लिखूँ कविता,
मेरे अन्तरमन से बहे भावों की सविता।

कभी लिखती खुशी कभी विरह-वेदना,
देख अन्याय कैसे आए मुझमें सहजता।

कभी आक्रोश लिखूँ तो कभी सानत्वना,
शब्दों को तोड़-मरोड़ लिखूँ वीरो की वीरता।

मै पिरोती हूँ मनोभावों की सुन्दर माला,
ज्यादा कुछ ज्ञान नहीं!मैं लिखती कविता।

नहीं लिखना चाहती मीरा,सूर,तुलसी सी भक्ति,
जो मानवता का बोध कराए ऐसा हो मेरा रस्ता।

कोशिश है मेरी जनमानस की आवाज बनूँ,
अपनी लेखनी से मिटा सकू सभी विषमता। #World_Poetry_Day#My_Poetry
#NojotoHindi#NojotoWeiters
#NojotoNews
21/03/2020.............05:45PM