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अंतश्चेतना के मर्म को जगाइये, फिर कीजिये अन्तहृदय

अंतश्चेतना के मर्म को जगाइये, फिर कीजिये अन्तहृदय की समीक्षा,
शेष विशेष भान कर निजता के अहम का,पल भर भी न करो प्रतीक्षा,
 समयानुसार जो करे परिवर्तन निज तन में,बढ़ोतरी हो तेरे सौष्ठव में,
स्व आंकलन की दरकार कर,न कोशिश कीजिये किसी और से अपेक्षा। 1प्रतियोगिता संख्या 14 का शीर्षक है समीक्षा जिसका अर्थ है परीक्षण गुण दोष विवेचन समालोचन review scrutiny
2 मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें
3समय सीमा आज सुबह 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहेगी
4 आपको आपकी रचना लिखने के बाद कमेंट में डन लिखना आवश्यक है
5 उपहार स्वरूप प्रथम द्वितीय तृतीय सर्वश्रेष्ठ लेखक टॉप राइटर today कोहिनूर लेखक से नवाजा जाएगा
 #YourQuoteAndMine
Collaborating with Kavya Abhinandan
अंतश्चेतना के मर्म को जगाइये, फिर कीजिये अन्तहृदय की समीक्षा,
शेष विशेष भान कर निजता के अहम का,पल भर भी न करो प्रतीक्षा,
 समयानुसार जो करे परिवर्तन निज तन में,बढ़ोतरी हो तेरे सौष्ठव में,
स्व आंकलन की दरकार कर,न कोशिश कीजिये किसी और से अपेक्षा। 1प्रतियोगिता संख्या 14 का शीर्षक है समीक्षा जिसका अर्थ है परीक्षण गुण दोष विवेचन समालोचन review scrutiny
2 मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें
3समय सीमा आज सुबह 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहेगी
4 आपको आपकी रचना लिखने के बाद कमेंट में डन लिखना आवश्यक है
5 उपहार स्वरूप प्रथम द्वितीय तृतीय सर्वश्रेष्ठ लेखक टॉप राइटर today कोहिनूर लेखक से नवाजा जाएगा
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