"ये शाश्वत दृश्य मेरे अंतर्मन को दिया हुआ प्रमाण है कि ........ "ईश्वर हैं !" और तत्पर हैं ..... संरक्षण में उन प्रेम स्मृतियों के जो तुमने मुझे दी हैं ...... जिसे एक शब्द में मैं "जीवन" कहती हूं !!" -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में ....) हमारी पहली भेंट की स्मृति में तुम्हारे दिए हुए "गुल" की कलम को रोप दिया मैंने एक आंगन में; और दूसरा अंतर्मन में !! जब भी सींचती असंख्य गुल खिल उठते इस पौधे से