Alone क्या दुख है समंदर को बता नहीं सकता, आंसू की तरह आंख तक आ भी नहीं सकता! तू छोड़ रहा है इसमें खता तेरी क्या, हर शक्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता! वैसे तो एक आंसू ही बहाकर मुझे ले जाए, ऐसे कोई तूफान हिला भी नहीं सकता! घर ढूंढ रहे हैं मेरा रातों के पुजारी, मैं हूं जो चिरागों को बुझा भी नहीं सकता! - वसीम बरेलवी #Legend #WaseemBarelvi #Shayari #Nojoto