पिता का कमाया नाम , आज बैटे ने गंवा दिया। आजतक जीता रहा जिस हिन्दुत्व का लेकर गुरूर, आज उस हिन्दुत्व को ही चरणों मे गिरा दिया। राम के हक के नाम पर पिता ने बिता दिया जिसके जीवन सारा, आज कुर्सी के लालच मे उसने राम के अस्तित्व को नकारने वालों को ही अपना सगा बना लिया। जो था आजतक नजरो मे सबकी सच्चा राष्ट्रवादी, आज सत्ता को पाने को लोगो के विश्वास को ही उसने अपने चरणो की धूल बना दिया। कहता रहा हूं मैं सदा ही राजनीती से ज्यादा बुरी कोई बिमारी नही हैं,