क्यों मयस्सर न अब दो निवाले उसे, रोटियाँ उम्र-भर माँ खिलाती रही ।। ©शमशेर 'साहिल' #रोटी#माँ#भूख #शमशेर_साहिल #Shamsher_Sahil #pain #tears #GhazalOfSahil #BestPoetryEver #HindiShayri