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लिखें हैं मैंने कुछ मन के ख़्वाब.. कुछ पूरे से, कु

लिखें हैं मैंने
कुछ मन के ख़्वाब..

कुछ पूरे से,
कुछ अधूरे से
कुछ बहे है अरमाँ 
स्याह बनकर
आँखों से मेरे ख़्वाब..

- सुचिता पाण्डेय✍

 नमस्कार लेखकों।😊

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । 

इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍

समय सीमा : 3 अक्टूबर, दोपहर 3 बजे तक।
लिखें हैं मैंने
कुछ मन के ख़्वाब..

कुछ पूरे से,
कुछ अधूरे से
कुछ बहे है अरमाँ 
स्याह बनकर
आँखों से मेरे ख़्वाब..

- सुचिता पाण्डेय✍

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