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बेटा बाप से बोला पिता जी हम एक कश्मकश में हैं। आप

बेटा बाप से बोला पिता जी हम एक कश्मकश में हैं। 
आप मुझे कभी डाँटते हैं, कभी प्यार करते हैं, 
सोचता हूँआपको समझ पाना क्या मेरे वश में है?? 
पिता ने अपने बंद अधर खोले, मुस्करा के बेटे से बोले, 
बेटे डाँटता इसलिए हूँ कहीं तू कोई गलती न करे इसलिए चाबुक हो जाता हूँ।
मुझे तुझसे बहुत प्रेम है, इसलिए आँसू छलक जाते हैं, और भावुक हो जाता हूँ। 
जैसे सोना अग्नि में तपकर गहना बन जाता है। 
वैसे ही बेटे को पिता तब समझ आता है जब वह ख़ुद पिता बन जाता है।।

©Rajesh rajak
  #bap, बेटा
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Rajesh rajak

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#Bap, बेटा #समाज

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