नहीं बूझती मेरे कमरे की बत्ती उस दिन से जिस दिन से तुमसे बात बन्द हुई घर से नीकलना छोड़ दिया मैंने जबसे तुमसे मुलाकात बंद हुई अंधेरी रातें फिर डराने लगी है मुझे बुरा सपना बन सताने लगी है मुझे वो वक़्त-बेवक़्त जागना मेरा नींद दूरियां बनाने लगी है मुझसे तुम जब से गये मुझे छोड़ के तन्हा जिंदगी जीना बेमानी लगने लगा है जो तेरे मुस्कुराते चेहरे से सुकून था तुझे देखे बिना दिल बिखरने लगा है अब अच्छा नही लगता कुछ भी यहां साथ खुदा का भाने लगा है बहुत हुई जिंदगी की बातें अब दिल मौत के सपने सजाने लगा है ©anju raj #brockenheart #hurtquotes