#OpenPoetry जान दे दोगे लोगों को फ़िर भी कहेंगे किया ही क्या है। जमाना दुश्मन बना के खुश किया था लोगों को फिर भी कहते है कि किया ही क्या है । हां सबको खुश रखना क्या गलत है । सही को गलत कहने वालों पर लालत है। Jan de do he