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शत्रुओं के अपना भरम तोड़ दूं भुजाओं से हवाओं का र

शत्रुओं के अपना भरम तोड़ दूं
 भुजाओं से हवाओं का रुख मोड़ दूँ
 आश कैसे तोड़ दूं ; प्रयास कैसे छोड़ दूं स्वर ये बुलंद रहे यदि इंसान हो 
शांति की पहले जय क्रांति की जय हो ||
~~~  जलज (जयसूर्या )
शत्रुओं के अपना भरम तोड़ दूं
 भुजाओं से हवाओं का रुख मोड़ दूँ
 आश कैसे तोड़ दूं ; प्रयास कैसे छोड़ दूं स्वर ये बुलंद रहे यदि इंसान हो 
शांति की पहले जय क्रांति की जय हो ||
~~~  जलज (जयसूर्या )