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गिर गिरकर उतने की कोशिश मैं ही सफल हूं, आज फिर मैं

गिर गिरकर उतने की कोशिश मैं ही सफल हूं, आज फिर मैं काबिल हूं. देखना चाहते हैं मुझे नीचे ये लोग, लेकिन देखो मैं अव्वल हूं. रुक ना पाई ये दुनिया मुझे, मैं शक शम् हूं. गिर गिरकर उतने की कोशिश मैं सफल हूं. लाख बनलो दिवारे मैं खुदमे ताकतवर हूं. लाख कार्लो पिचे मुजे मैं फिर भी निडर हूं. ऊपर वाले पे भरोसा तभी तो आज सफल हूं. गिर गिरकर उतने की कोशिश मैं मैं ही सफल हूं.

©BeneathTheVerses
  GIR GIRKAR UTNE KI KOSHIS

GIR GIRKAR UTNE KI KOSHIS #Poetry

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