चाहे तुम खून की नदिया बहाओ फिर भी ये प्रेमीयो का प्रेम क्या कम हो जायेगा क्या....?? इस प्रेम को ना समज आती हैं जात धर्म की भाषा हर एक नयी सुबह को हर एक प्रेमी इस दुनिया में प्यार का पौधा लगायेगा... औंर ये पंच्छी प्यार का बीज पिरोयेंगे ये पंच्छी प्यार का गीत गायेंगे ये प्यार की हवा बहती रहेगी ©Shubhangi Sutar प्रेमनगरी ♥️